दोस्तों आज हम आज कल होने वाली सामान्य से परेशानी के बारे में बात करेंगे जिसका सामना आजकल हर अभिभावक कर रहे हैं। इस बीमारी का नाम है पीर प्रेशर(peer pressure) । आखिर यह क्या बला है। इससे आजकल हर ...
bilkul mam 👏👏👏👏👏👏👏👏
ye pir pressure, hr ek isse grasit h are Mai baccho ka kya bole sbke sb lge inme bas andho ki line me aankhe bnd kr chlna
bacche maa baap ko nhi smjhte maa baap bacche ko nhi smjhte to smjhao n btao unhe , pr khud me avdharna bnae rkhege fir kaise koi smjhe
or ye jo hod rhti h ek dusre se to ye positive bhi h or negative or inme sbse jyada hath hote h judgemental logo ke
hm sirf jo khte h n hmare dost hme garib khkr hmara majak bnaege to ha bnate h vo lekin agr yha hmare andr aatmvishwas ho fir inse koi frk nhi pdta h
kami agr hmme h to badlav jaruri h agr dusre ki najar me dikkat dikhti h to vo apne najariye ko bdle
mai aaj bhi khti hu or thankful hu mummy ke ki unhone kabhi hme judge karna nhi sikhaya unka khna h jo h khud me perfect h , khud ko best bnao duniya best dikhegi
or sbse badi baat vo kb kya h kyu h aisa to vo unka parivesh nischit karta h unki soch nishchit krti h
hme aaj bhi apne dosto se dikkat h jinka khna ye aisa kyu vaisa kyu nhi , or mera jawab bhi vhi h jab tum vaise nhi fir vo aisa kyu bne
or sbse badi dikkat ki aaj bhi meri baate kisiko psnd nhi
yu majak bnane ka hak , kisiko judge karne ka hak hme kisne diya or fir bhi agr hm krte h to unme positive changes agr aaye tabhi shi h
mam aap best ho , hr baar nye nye or acche topic late ho
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
keep writing 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏 always be happy 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
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बहुत खूबसूरत topic... और प्रस्तुति उससे भी ज़्यादा अच्छा ।
सिर्फ इतना ही नहीं , 1 और line मैं add करूँगा ―
" आजकल प्यार भी हम करते हैं compitition के चलते । "
ये सच्चाई हैं । हम सब आजकल ऐसे ही प्यार करते हैं । आधे से ज़्यादा तो समझ ही नहीं पाता इस चीज़ को और जो समझते हैं वह खुलेआम बताना नहीं चाहता ।
मेरा दोस्त हैं अमित.. उसके पास girlfriend हैं bt मेरा नहीं । ये मेरे लिए एक शर्मनाक बात हैं । दोस्त कहते हैं ,
" तुझे डूबकर मर जाना चाहिए । "
" तेरी कोई औकात नहीं हैं । "
और अगर दोस्त लड़की हो तब कहती हैं ,
" 'अब्बे तेरे से क्या बात करू ? तू तो फट्टू हैं । "
😂😂😂
अब मैं बहुत साधु बन रहा हूं लेकिन मेरे साथ ये हुआ भी हैं और मैंने किया भी बचपन में 😂
ये एक cult बन चुका हैं । मैं बहुत ज़्यादा egoistic हूं और इसके चलते मैं किसी से ज़्यादा मिलता जुलता नहीं हूं , लेकिन हर कोई मेरे तरह नहीं हैं । उन्हें तकलीफ हो जाता हैं । देखो सब जुड़ा हुआ है एक दूसरे के साथ ।
हम हमेशा बात करते हैं प्यार में domination , violence ये सब गलत हैं लेकिन यूथ जो प्यार में ये सब करता हैं उसके पीछे कही न कहीं ये compitition भी ज़िम्मेदार हैं ।
Indian youth चिपकू हैं सिर्फ इसी वजह से । दिमाग में सिर्फ यही चलता हैं कि कोई तो मिल जाए.... नहीं तो जिंदगी बर्बाद ।
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जेनरेशन गैप पहले भी था और आज भी है.. परंतु पहले इतनी समस्याएं नहीं थी.. क्योंकि एक लिहाज था मां बाप और बच्चों के बीच में.. मां बाप के पीटने पर भी बच्चों का इगो हर्ट नहीं होता था.. और आज थोड़ी सी डांट फटकार भी उनका इगो हर्ट कर जाती है.. सबसे बड़ी समस्या यहीं पर है.. और यह समस्या आज के कलयुगी परिवेश का भी है.. जो बच्चे मां-बाप को अपना दुश्मन समझने लगते हैं.. कहीं-कहीं पर मां-बाप भी गलत होते हैं.. ऐसा नहीं कि हमेशा बच्चे ही गलत होते हैं.. दोनों पीढ़ी को ही समझना पड़ेगा.. तभी कुछ निदान निकल सकता है.. बहुत ही बेहतरीन वैचारिक प्रस्तुतीकरण...✍️👌👌👍
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" तुझे डूबकर मर जाना चाहिए । "
" तेरी कोई औकात नहीं हैं । "
और अगर दोस्त लड़की हो तब कहती हैं ,
" 'अब्बे तेरे से क्या बात करू ? तू तो फट्टू हैं । "
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हम हमेशा बात करते हैं प्यार में domination , violence ये सब गलत हैं लेकिन यूथ जो प्यार में ये सब करता हैं उसके पीछे कही न कहीं ये compitition भी ज़िम्मेदार हैं ।
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