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पीपल वाले टीले की कहानी

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बरमेसर पूरे गाँव का साझा नौकर था | बहुत अधिक सीधा होने के कारण जो भी चाहे उसे कोई काम बोल देता और वह जी - जान लगाकर उसे पूरा करता | थोड़ी भी चूक होने पर चुपचाप गालियाँ भी सुन लेता | जिसके मन में थोड़ी ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा – एम्.ए. ( हिन्दी ) सम्प्रति – कंटेंट एडिटर, प्रतिलिपि कॉमिक्स प्रकाशित पुस्तकें – तिराहा,बेगम हज़रत महल (उपन्यास ) अनतर्मन के द्वीप, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियां – कहानी संग्रह कई कवितायें ,कहानियाँ एवं लेख पत्र - पत्रिकाओं और कई ब्लॉग्स पर प्रकाशित।

समीक्षा
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  • author
    आशिक़
    10 মে 2017
    #MAM,THODA ADHURAPAN HAI MGR HME LAGTA HAI KI ISI ADHUREPAN KO DIKHANE KE LIYE HI YE KAHANI LIKHI GAYI HAI...
  • author
    06 মে 2017
    thodi kahni samjh me ayi or thodi nhi bhi confused ho gya kahani achhi h
  • author
    07 মে 2017
    लेखिका ने एक गरीब लाचार के प्रति लोगों की उपेक्षा का बखूबी वर्णन किया है।
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    आशिक़
    10 মে 2017
    #MAM,THODA ADHURAPAN HAI MGR HME LAGTA HAI KI ISI ADHUREPAN KO DIKHANE KE LIYE HI YE KAHANI LIKHI GAYI HAI...
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    06 মে 2017
    thodi kahni samjh me ayi or thodi nhi bhi confused ho gya kahani achhi h
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    07 মে 2017
    लेखिका ने एक गरीब लाचार के प्रति लोगों की उपेक्षा का बखूबी वर्णन किया है।