जन्म भूमि-भारत
कर्म भाषा-हिंदी
उपनाम - साज़ (SAAZ)
लेखन शैली-आलोचनात्मक, व्यंग्यात्मक, मनोरंजक
विषय - हाॅरर, सामाजिक, हास्य
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सारांश
जन्म भूमि-भारत
कर्म भाषा-हिंदी
उपनाम - साज़ (SAAZ)
लेखन शैली-आलोचनात्मक, व्यंग्यात्मक, मनोरंजक
विषय - हाॅरर, सामाजिक, हास्य
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बाकई क्या समाज है हमारा किस किस को समझाना बाकी है या फिर खुद समझना बाकी,इस गुत्थी को सुलझाना आसान तो नही है लेकिन आप जैसे लेखक जरूर चाहे तो इस तरह की कुप्रथाओ को समाज से दूर भाग फेकेंगे।
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
ओर हो सके तो आपकी टाइमलाइन में कवर फ़ोटो लगी हुई है उसके शब्द मिल जाये तो बहुत आभार होगा आपका।👌👍🙏🙏🙏
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बाकई क्या समाज है हमारा किस किस को समझाना बाकी है या फिर खुद समझना बाकी,इस गुत्थी को सुलझाना आसान तो नही है लेकिन आप जैसे लेखक जरूर चाहे तो इस तरह की कुप्रथाओ को समाज से दूर भाग फेकेंगे।
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
ओर हो सके तो आपकी टाइमलाइन में कवर फ़ोटो लगी हुई है उसके शब्द मिल जाये तो बहुत आभार होगा आपका।👌👍🙏🙏🙏
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