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पति परमेश्वर का रूप

4.4
6272

यह कहानी पूर्णतः सत्य पर आधारित है, नाम की गोपनीयता रखते हुए इसे उत्तम पुरुष में लिखा गया है।

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लेखक के बारे में
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ज़ैनब ख़ान

जन्म भूमि-भारत कर्म भाषा-हिंदी उपनाम - साज़ (SAAZ) लेखन शैली-आलोचनात्मक, व्यंग्यात्मक, मनोरंजक विषय - हाॅरर, सामाजिक, हास्य Follow my thoughts on the YourQuote app at https://www.yourquote.in/khanzainub

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कोमल राजपूत
    05 दिसम्बर 2018
    कितना सत्य लिखा है आपने। हमारे समाज मे यही होता है वो भी बिना किसी लोक लाज के,,,
  • author
    Âñkür Góswãmî
    06 दिसम्बर 2018
    बाकई क्या समाज है हमारा किस किस को समझाना बाकी है या फिर खुद समझना बाकी,इस गुत्थी को सुलझाना आसान तो नही है लेकिन आप जैसे लेखक जरूर चाहे तो इस तरह की कुप्रथाओ को समाज से दूर भाग फेकेंगे। बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। ओर हो सके तो आपकी टाइमलाइन में कवर फ़ोटो लगी हुई है उसके शब्द मिल जाये तो बहुत आभार होगा आपका।👌👍🙏🙏🙏
  • author
    kumar gupta
    06 दिसम्बर 2018
    ये कालपनिक नहीं समाज की हकीकत है ।
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    कोमल राजपूत
    05 दिसम्बर 2018
    कितना सत्य लिखा है आपने। हमारे समाज मे यही होता है वो भी बिना किसी लोक लाज के,,,
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    Âñkür Góswãmî
    06 दिसम्बर 2018
    बाकई क्या समाज है हमारा किस किस को समझाना बाकी है या फिर खुद समझना बाकी,इस गुत्थी को सुलझाना आसान तो नही है लेकिन आप जैसे लेखक जरूर चाहे तो इस तरह की कुप्रथाओ को समाज से दूर भाग फेकेंगे। बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। ओर हो सके तो आपकी टाइमलाइन में कवर फ़ोटो लगी हुई है उसके शब्द मिल जाये तो बहुत आभार होगा आपका।👌👍🙏🙏🙏
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    kumar gupta
    06 दिसम्बर 2018
    ये कालपनिक नहीं समाज की हकीकत है ।