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पत्थर दिल

4.5
40509

एक हफ्ते से घर में मातम का माहौल है।आज से ठीक सात दिन पहले अजय की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। हमरी शादी को अभी दो साल भी नहीं हुए हैं।तीस साल की कोई उम्र नहीं होती मृत्यु लोक में जाने की, ...

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लेखक के बारे में
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सीमा जैन

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समीक्षा
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  • author
    पाण्डेय अनिक
    05 February 2018
    अजय जैसे इस दुनिया में बहुत हैं। यहां कथा में निर्मला को स्वतंत्र होने का अवसर मिल गया। परन्तु ज्यादातर यह होता है कि अजय जैसे लोग विवाह के पहले वर्षगांठ के पूर्व ही पत्नी का बलात्कार कर गर्भवती बना उसके पैरों में बेड़ियाँ डाल चुके होते हैं। कथा और विस्तार की अपेक्षा रखती है। अच्छा प्रयास।
  • author
    Divya Singh
    15 June 2018
    aurat jab khud k liye sochti h to selfish kahlati h...kahhaniyo k madhyam se samaaj k badlaav ko ujagar karna ek achhi. pahal h ...isse kayam rakhe
  • author
    उपासना सियाग
    17 July 2017
    सही फैसला लिया...
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    पाण्डेय अनिक
    05 February 2018
    अजय जैसे इस दुनिया में बहुत हैं। यहां कथा में निर्मला को स्वतंत्र होने का अवसर मिल गया। परन्तु ज्यादातर यह होता है कि अजय जैसे लोग विवाह के पहले वर्षगांठ के पूर्व ही पत्नी का बलात्कार कर गर्भवती बना उसके पैरों में बेड़ियाँ डाल चुके होते हैं। कथा और विस्तार की अपेक्षा रखती है। अच्छा प्रयास।
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    Divya Singh
    15 June 2018
    aurat jab khud k liye sochti h to selfish kahlati h...kahhaniyo k madhyam se samaaj k badlaav ko ujagar karna ek achhi. pahal h ...isse kayam rakhe
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    उपासना सियाग
    17 July 2017
    सही फैसला लिया...