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पश्चताप

4.5
25658

सिदार्थ के लिए यह रोज़ की ही बात है इस तरह की शानदार पार्टियों मैं जाना उसका ओहदा ही ऐसा है शहर के हर छोटे बड़े फंक्शन मे DM साहब को निमंत्रण होता ही था आज भी किसी ने नए शोरूम के उद्घाटन की ख़ुशी मैं ...

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लेखक के बारे में
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रीत शर्मा

मैं धन्यवाद देना चाहती हु पाठको का आपके विचार और प्रशंसा भरे शब्द हिम्मत बढ़ाते है और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करते है ! मैं क्षमाप्राथी हु कि आपके संदेशो का जवाब नहीं दे पाती - आप सब से निवेदन है कृपया कर के मुझे Twitter follow करे - @Romareet1 - हमारी बातचीत का माध्यम - इंतजार रहेगा

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Uma Mishra
    29 सितम्बर 2019
    अच्छी कहानी है और भावपूर्ण भी ।सिद्धार्थ का तरीका गलत था वो चाहता तो पहले शिवांगी को नितिन से मुक्त करवाता फिर उसकी इच्छा को मान देते हुए अपना प्रस्ताव रखता।
  • author
    Sanjeev Yadav
    08 अगस्त 2017
    दिल को छु लेने वाली कहानी लिखी है रीत, लेकिन मै क्लाइमेक्स से उतना संतुष्ट नहीं हुआ, सॉरी ये मेरा पर्सनल ओपिनियन है।
  • author
    Nitish kumar Thakur
    25 मई 2018
    बढ़िया ,सौदेबाजी न करते हुए सीधे नितिन से तलाक और शिवांगी से प्यार की बात करनी थी।
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    Uma Mishra
    29 सितम्बर 2019
    अच्छी कहानी है और भावपूर्ण भी ।सिद्धार्थ का तरीका गलत था वो चाहता तो पहले शिवांगी को नितिन से मुक्त करवाता फिर उसकी इच्छा को मान देते हुए अपना प्रस्ताव रखता।
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    Sanjeev Yadav
    08 अगस्त 2017
    दिल को छु लेने वाली कहानी लिखी है रीत, लेकिन मै क्लाइमेक्स से उतना संतुष्ट नहीं हुआ, सॉरी ये मेरा पर्सनल ओपिनियन है।
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    Nitish kumar Thakur
    25 मई 2018
    बढ़िया ,सौदेबाजी न करते हुए सीधे नितिन से तलाक और शिवांगी से प्यार की बात करनी थी।