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पार्थिव शरीर

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ना कुछ खोया,तू जाग परिंदे उमर की लेप लगाने दे... खड़ा होकर बैठ भी जा 'क्षणभर', आख़िरी वेद तो गाने दे... ना कुछ खोया...... ना किसीका चिंतन होगा, ना कभी तू रोऐगा... बीच श्मशान की घाट में, कुंठित मन ...

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लेखक के बारे में
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विकास 🤝 Bibu

काव्य पाठ

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    JETHARAM MANARAM "CHOUDHARY"
    10 जनवरी 2022
    सही बात है जी
  • author
    Anuradha Kumari
    27 फ़रवरी 2022
    nyc
  • author
    Madhuri Rawat
    05 जनवरी 2022
    बढ़िया लिखा आपने
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    JETHARAM MANARAM "CHOUDHARY"
    10 जनवरी 2022
    सही बात है जी
  • author
    Anuradha Kumari
    27 फ़रवरी 2022
    nyc
  • author
    Madhuri Rawat
    05 जनवरी 2022
    बढ़िया लिखा आपने