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राजेशवर नगर में एक भला बनिया रहता था। उसकी पत्नी उसके जैसे ही चतुर और भली थी | दोनों का एक सात साल का लड़का था। लड़का बहुत ही लाड़ला था और दिन भर बाप से कुछ न कुछ पूछता रहता था। वह रोज बाप के साथ ...

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अज्ञात
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rahamat Ali
    23 अप्रैल 2020
    Yah kahani geeta press ki book me bahut pahle chap chuki hai
  • author
    sunanda bhave
    26 जनवरी 2019
    यह बोधकथा पहले भी कहीं पढई है। मौलिक नहीं लगती।
  • author
    Kuldeep
    10 अगस्त 2019
    kaash aisa sambhav hota
  • author
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  • author
    Rahamat Ali
    23 अप्रैल 2020
    Yah kahani geeta press ki book me bahut pahle chap chuki hai
  • author
    sunanda bhave
    26 जनवरी 2019
    यह बोधकथा पहले भी कहीं पढई है। मौलिक नहीं लगती।
  • author
    Kuldeep
    10 अगस्त 2019
    kaash aisa sambhav hota