.परित्यकता ससुराल में चारपायी पर सोई हुई मिथिला खुसफुसाहट भरे स्वरों से जाग गई।देखा,पति भी नहीं थे,जाने कब आए होंगे और उठ कर चले भी गए। किंतु ये हलचल कैसी है, कोई कुछ बताता क्यों नही ...
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत
शौक ---कहानी और कविता लिखना ।मैं बागी रहती हूं हमेशा उन महफिलों की..
जहां शोहरत तलवे चाटने से मिलती हो.. मुझे दी गई है ऐसी ही नसीयत जहां कदर न हों ,, तो चल दो चाहे वहा जन्नत ही क्यों न मिलती हों ,,,,,,,,,,
सारांश
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत
शौक ---कहानी और कविता लिखना ।मैं बागी रहती हूं हमेशा उन महफिलों की..
जहां शोहरत तलवे चाटने से मिलती हो.. मुझे दी गई है ऐसी ही नसीयत जहां कदर न हों ,, तो चल दो चाहे वहा जन्नत ही क्यों न मिलती हों ,,,,,,,,,,
रिपोर्ट की समस्या