हाजमा बहुत दुरस्त है हमारा,
अपनो के कई राज छुपा रखे हैं,
अब पूछना न कुछ हमसे,
अपनी फितरत बता चुके है।।
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
राज ठाकुर
वर्तमान में शिक्षक , समाज सेवक अध्यात्म इतिहास और संस्कृति से जुड़ा होने के साथ अपनी नई पीढ़ी को जीवन जीने की कला देने में कृत संकल्प के साथ कविता कहानी एवं अन्य विधाएं को लिखने का प्रयास बचपन से ही किया है।
हमेशा ही "राज ठाकुर 'तख्खलुस से लिखते रहे।
हम राज ठाकुर के उपनाम से फेसबुक और इंस्टाग्रां पर भी मौजद् है।
धर्मेंद्र सिंह चौहान
फरीदपुर- बरेली
रिपोर्ट की समस्या
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