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🕯️परछाइयों का रहस्य

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Part 1 – झीलखेत की हवेली “तू वहाँ क्यों जा रही है, रिया? पहाड़ों में अकेली लड़की... और वो भी ऐसी जगह जहाँ कोई मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता।” — यही कहा था सोनल ने, उसकी सबसे अच्छी दोस्त ने। लेकिन ...

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"बंद दरवाज़े की साँसें"
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Varsha Nimbole

> हवाओं में जब डर ठहर जाए… तब सन्नाटे भी बोलने लगते हैं। रिया उस सुबह कमला दीदी की बातों से जितनी चाय में चीनी घुली थी, उतनी ही उलझी हुई थी। "वो फिर आएगा..." — उनके शब्दों की गूंज अब भी कमरे की ...

लेखक के बारे में
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Varsha Nimbole

नमस्ते! मैं Varsha, एक जज़्बाती कहानियों की लेखिका। कहानियाँ मेरे लिए शब्दों से सजी वो दुनिया हैं, जहाँ हर एहसास को जिया जा सकता है — कभी मोहब्बत की मासूमियत, तो कभी रिश्तों की उलझनें। मैं दिल से लिखती हूँ, ताकि आप दिल से पढ़ें। प्रेम, संघर्ष, परिवार और आत्म-साक्षात्कार — मेरी कहानियों में ये सब कुछ मिलेगा। अगर आपने कभी किसी किरदार को पढ़ते-पढ़ते खुद को उसमें पाया है — तो समझिए, मेरी कलम ने अपना काम कर दिया। आपका साथ ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है। पढ़ते रहिए, जुड़ते रहिए — और अगर कोई कहानी आपके दिल को छू जाए, तो ज़रूर बताइएगा। 🌸

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