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पराया कर दिया.....

4.8
30

हसरत पूरी कर उसने हमें पराया कर दिया हमने भी अपना सब कुछ उस पर ज़ाया कर दिया , वह दरवाजे की कुंडी वह घर की चारपाई ना हम समझ पाए थे उसे ना वह हमें समझ पाई , बिखर गई दूर-दूर तक रेत के कणों सी ...

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लेखक के बारे में
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KOMAL CHAWLA

उपनाम- कौमुदी मेरे द्वारा प्रकाशित सभी रचनाएं स्वरचित है और कॉपीराइट के अन्तर्गत सुरक्षित है । 🙏😊💕

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Seema Bano
    27 फ़रवरी 2021
    वाह बहुत ही खूबसूरत रचना शानदार प्रस्तुति🙏🙏🙏
  • author
    Moni...🍂
    27 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन अल्फाज़ बहुत खूब 👌👌👌👌
  • author
    सुमन 'त्रिलोक'
    27 फ़रवरी 2021
    बेहद खूबसूरत जी
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  • author
    Seema Bano
    27 फ़रवरी 2021
    वाह बहुत ही खूबसूरत रचना शानदार प्रस्तुति🙏🙏🙏
  • author
    Moni...🍂
    27 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन अल्फाज़ बहुत खूब 👌👌👌👌
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    सुमन 'त्रिलोक'
    27 फ़रवरी 2021
    बेहद खूबसूरत जी