आज फिर हम सब घर से वापस अपने अपने कर्म क्षेत्रों की ओर प्रस्थान कर रहे थे... निगाहें बारंबार उस खाली पड़े सोफे के कोने की ओर मुड जाती और न जाने कहाँ से भावनाओं का प्रवाह आंसुओं का सैलाब ले आता जो ...
मेरी अनेकों कहानीयां एवं लेख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित एवम पुरस्कृत हो चुके है। जैसे लेख तू फुलवारी है मां दैनिक जागरण में प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित। कहानी फैलते दायरे पत्रिका जागरण सखी। सपनो के खंडहर वनिता, कहानी अपराजिता जागरण सखी। लेख चले गाँव की ओर हिन्दी साहित्य अकादमी की पत्रिका इन्द्र प़स्ध भार ती। एक कथा संगृहीत ममता भी प्रकाशित हो ।चुका है। लेखन कार्य में सक्रिय।
सारांश
मेरी अनेकों कहानीयां एवं लेख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित एवम पुरस्कृत हो चुके है। जैसे लेख तू फुलवारी है मां दैनिक जागरण में प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित। कहानी फैलते दायरे पत्रिका जागरण सखी। सपनो के खंडहर वनिता, कहानी अपराजिता जागरण सखी। लेख चले गाँव की ओर हिन्दी साहित्य अकादमी की पत्रिका इन्द्र प़स्ध भार ती। एक कथा संगृहीत ममता भी प्रकाशित हो ।चुका है। लेखन कार्य में सक्रिय।
शत शत नमन एवं श्रद्धांजलि आदरणीया माता जी को, आपकी भावनाएं हर शब्द के साथ न सिर्फ प्रकट हो रही है अरुणिमा जी बल्कि हम सभी को भी भावुक बना रही है, इतना मान और समर्पण सिर्फ आपकी लेखनी से ही मिल सकता है, सादर 🙏🏻🌹🙏🏻,
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सासू मां को आपकी भावभीनी श्रद्धांजलि पढ़कर बिना बताए मेरी भी आंखे गीली हो गई। निः शब्द हूं मैं, पढ़कर पता नहीं क्यों किसी अपने के न रहने वाली फिलिंग हो रही है। सच में ऐसा लग रहा है जैसे मेरी मां की ही सारी बातें आपने लिखी है। संयुक्त परिवार में मेरी मां भी लगभग इतने लोगों का ही भोजन बनाती थीं। तब मै बहुत छोटी थी सपने जैसा याद था लेकिन आपके लेख ने एकदम यादें ताज़ा कर दी। आपकी माता जी को अश्रुपूरित नेत्रों से सादर नमन 🙏🙏🙏🙏
जहां भी हों आपसब पर उनकी कृपा बनी रहे 🙏🌹🙏
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सासू माँ के लिए आपकी भावनाओं को भी नमन है ।नमन है इतनी महान विभूति जिन्होंने सभी को एक सूत्र में बांध कर रखा । पढ़ कर मन भावुक हो गया ,साथ में अपने माँ की भी याद ताजा हो गई जिनको कुछ माह पहले खोया है , क्योंकि हम भी संयुक्त परिवार में पले बढ़े हैं ,माँ सुबह शाम बिना किसी झुंझलाहट के परिवार के लिए खाना बनाने के साथ और गतिविधियों को भी पूरा करती थी । आपकी श्रद्धेय सासू माँ को मेरा शत शत नमन तथा ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
🙏🌹🙏
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शत शत नमन एवं श्रद्धांजलि आदरणीया माता जी को, आपकी भावनाएं हर शब्द के साथ न सिर्फ प्रकट हो रही है अरुणिमा जी बल्कि हम सभी को भी भावुक बना रही है, इतना मान और समर्पण सिर्फ आपकी लेखनी से ही मिल सकता है, सादर 🙏🏻🌹🙏🏻,
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सासू माँ के लिए आपकी भावनाओं को भी नमन है ।नमन है इतनी महान विभूति जिन्होंने सभी को एक सूत्र में बांध कर रखा । पढ़ कर मन भावुक हो गया ,साथ में अपने माँ की भी याद ताजा हो गई जिनको कुछ माह पहले खोया है , क्योंकि हम भी संयुक्त परिवार में पले बढ़े हैं ,माँ सुबह शाम बिना किसी झुंझलाहट के परिवार के लिए खाना बनाने के साथ और गतिविधियों को भी पूरा करती थी । आपकी श्रद्धेय सासू माँ को मेरा शत शत नमन तथा ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
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