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पापा मैं सोयी नहीं थी

4.6
80713

"नेहा, तुम्हारे पापा का फोन आया था। तुम्हें मिलने के लिए बुलाया हैं।" "मुझे बुलाया है पापा ने !जरुर पापा की तबियत ठीक नहीं होगी। जरा फोन लगाइए तो पापा को!" नेहा ने दुपट्टे से अपना मुंह पोछते हुए पति ...

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लेखक के बारे में

गोरखपुर , सहायक अध्यापक , सोशल मीडिया पर सक्रिय लेखन

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Singh
    15 பிப்ரவரி 2018
    बेटी कि दुनिया पापा के बिना अधुरी होती हैं.
  • author
    Shashi
    14 ஏப்ரல் 2021
    पुरी कहानी पढते हुए कितना रोई हूं मेरे दिवंगत पिता का प्यार दुलार स्नेह सब दिल दिमाग में दौड़ने लगे खुद को संभावना मुश्किल हो गया ।ये कहानी नहीं किसी भी पिता पुत्री के प्रेम की स्वाभाविकता है इसके लिए धन्यवाद ❤❤❤
  • author
    Anupam Shukla
    07 ஜூலை 2019
    पिता और पुत्री के प्यार की बहुत ही हृदय स्पर्शी कहानी है। अच्छी लगी।
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    Sushma Singh
    15 பிப்ரவரி 2018
    बेटी कि दुनिया पापा के बिना अधुरी होती हैं.
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    Shashi
    14 ஏப்ரல் 2021
    पुरी कहानी पढते हुए कितना रोई हूं मेरे दिवंगत पिता का प्यार दुलार स्नेह सब दिल दिमाग में दौड़ने लगे खुद को संभावना मुश्किल हो गया ।ये कहानी नहीं किसी भी पिता पुत्री के प्रेम की स्वाभाविकता है इसके लिए धन्यवाद ❤❤❤
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    Anupam Shukla
    07 ஜூலை 2019
    पिता और पुत्री के प्यार की बहुत ही हृदय स्पर्शी कहानी है। अच्छी लगी।