"अर्थ न धर्म न काम रुचि,गति न चहौं निर्वाण" मेरा जीवन मंत्र तो नहीं है,किन्तु मैं सोचता हूँ प्रभु की ओर मन का झुकाव बना रहे ! यह धारावाहिक परम पूज्य गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य जी के जीवन के प्रेरक प्रसंग धारावाहिक रूप में आपकी सेवा में प्रस्तुत करते हुए अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।कृपालु गुरुदेव आपका कल्याण करें,यही कामना और प्रार्थना है! जय गुरुदेव!!