pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पांचवा पराठा

4.9
126

एक समय की बात है एक बहुत गरीब परिवार रहता था | उनके चार बच्चे थे  उनकी कोई आमदनी नहीं थी मजदूरी करके गुजारा करते थे | बच्चे बहुत छोटे थे कमाने वाला एक तो भर पेट खाना भी मुश्किल से मिलता था | तरह ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Seema Pandey

सब कुछ कुर्बान कर दूँ उस नजर पर ..... हाये!!!सब कुछ कुर्बान कर दूँ उस नजर पर .....जिस नजर से आपने मुझे देखा .... और मैं आपकी हो गई ..... कृपया रचनायें और समीक्षा तक सीमित रहें तभी फॉलो करें बाक्स संदेश के खिलाफ हूँ 🙏🙏🌹🌹आई लव माई डियरेस्ट हसबैंड 🙏🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    REKHA VERMA
    17 जनवरी 2022
    सच में बहुत बेहतरीन कहानी इसलिए तो कहा गया पूरा सच जाने बिना कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए उसका अंजाम बुरा होता है जैसा कि इस कहानी से पता चलता है आपने बहुत ही प्यारी और सुंदर कहानी लिखी है
  • author
    Arti Pandey "Pandey"
    06 जून 2022
    बहुत ही कार वाली कहानी गरीबी की भयावहता मेरी जान क्या करूं गुजरता है आपने दर्शाया है अपनी कहानी के माध्यम से मेरी तो आंखों में आंसू आ गए
  • author
    Himlesh Verma
    17 जनवरी 2022
    bahut hi मार्मिक कहानी। इसलिए कहते हैं बिना पूरा सच जाने किसी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहिए
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    REKHA VERMA
    17 जनवरी 2022
    सच में बहुत बेहतरीन कहानी इसलिए तो कहा गया पूरा सच जाने बिना कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए उसका अंजाम बुरा होता है जैसा कि इस कहानी से पता चलता है आपने बहुत ही प्यारी और सुंदर कहानी लिखी है
  • author
    Arti Pandey "Pandey"
    06 जून 2022
    बहुत ही कार वाली कहानी गरीबी की भयावहता मेरी जान क्या करूं गुजरता है आपने दर्शाया है अपनी कहानी के माध्यम से मेरी तो आंखों में आंसू आ गए
  • author
    Himlesh Verma
    17 जनवरी 2022
    bahut hi मार्मिक कहानी। इसलिए कहते हैं बिना पूरा सच जाने किसी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहिए