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पहली मुलाकात

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अतीत की गठरी जब खुलती है तो मानों परतें दर परदे उतरती सी चलती है |

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लेखक के बारे में
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जयदीप कुमार

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समीक्षा
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  • author
    मनीष यादव "MANI"
    11 सितम्बर 2018
    एक और दास्तान ए इश्क जो कहीं अधुरा रह गया, जमाने की गहराइयो में कही खो सा गया।कारवाँ निकल गया और हम धूल के गुबार देखते रह गये।उत्कृष्ट कृति ।
  • author
    Gauri Ghosh
    01 अक्टूबर 2018
    Bahut sundar
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    12 मई 2018
    बहुत सुन्दर रचना.
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    मनीष यादव "MANI"
    11 सितम्बर 2018
    एक और दास्तान ए इश्क जो कहीं अधुरा रह गया, जमाने की गहराइयो में कही खो सा गया।कारवाँ निकल गया और हम धूल के गुबार देखते रह गये।उत्कृष्ट कृति ।
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    Gauri Ghosh
    01 अक्टूबर 2018
    Bahut sundar
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    12 मई 2018
    बहुत सुन्दर रचना.