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पड़ोस वाली भाभी जी

4.3
215570

"क्या इतनी देर से खिड़की पर लटके हुए हो , अंदर आओ और लंच कर लो" । ये आवाज़ थी हमारी गृह स्वामिनी अलका जी की। मगर उन्हें क्या पता था कि हम इतनी देर से भाभी जी के घर से बाहर आने का इंतजार कर रहे ...

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लेखक के बारे में
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afreen mansuri

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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mayank Sonawane
    04 டிசம்பர் 2021
    वाह बहुत उम्दा कहानी .. चेहरे का खूबसूरत होना अच्छी बात है लेकिन मन का खूबसूरत होना उससे भी अच्छी बात है आखरी में मजा आ गया ।
  • author
    SANJAY MADAAN
    11 டிசம்பர் 2021
    ye kahani takriban har mard ke uper fit baithti hai kyuki wo bhiaisi hi mrigtrishna me jeeta hai
  • author
    Mehru Nisha
    19 ஜூன் 2021
    wah kya story likhi hai Aapne. man moh liya Aapne. Bhabhi ji ki sundrta ke pichhe chhupi hui asliyat kahani Ko or bhi parbhavi bnae deti hai.
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    Mayank Sonawane
    04 டிசம்பர் 2021
    वाह बहुत उम्दा कहानी .. चेहरे का खूबसूरत होना अच्छी बात है लेकिन मन का खूबसूरत होना उससे भी अच्छी बात है आखरी में मजा आ गया ।
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    SANJAY MADAAN
    11 டிசம்பர் 2021
    ye kahani takriban har mard ke uper fit baithti hai kyuki wo bhiaisi hi mrigtrishna me jeeta hai
  • author
    Mehru Nisha
    19 ஜூன் 2021
    wah kya story likhi hai Aapne. man moh liya Aapne. Bhabhi ji ki sundrta ke pichhe chhupi hui asliyat kahani Ko or bhi parbhavi bnae deti hai.