मनुष्य जो कुछ करता है उसे यह मालूम रहता है कि वह पाप कर रहा है या पुण्य: इसी पर आधारित " एक सन्यासी और सर्प" की कहानी।।
आप को यह कहानी जरूर पढ़नी चाहिए।
समाज मे इज्जत बनाने में सालों बीत जाते है लेकिन उसी इज्जत को गवाने में सिर्फ दो मिंट लगते है हमारा मान हमारी शान ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। जिसे हमें आज सुरक्षित रखना है।
सारांश
समाज मे इज्जत बनाने में सालों बीत जाते है लेकिन उसी इज्जत को गवाने में सिर्फ दो मिंट लगते है हमारा मान हमारी शान ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। जिसे हमें आज सुरक्षित रखना है।
रिपोर्ट की समस्या
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