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पाप और पुण्य

4.5
193

पुण्य पुण्य करते करते किसने की कमाई फिर पाप पुण्य की क्यों देते लोग दुहाई पुण्य सब महंगे पड़े .. .. पाप की गठरी भारी इस पुण्य की चाह में तो .. .. बीत जायेगी उम्र सारी पाप हो या हो पुण्य .. है एक ...

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लेखक के बारे में

नामवर से लेकर नए रचनाकारों की रचनाएँ पढ़ने में अभिरुचि है मेरी --- मन के भावों को कभी कभार कागज पर उकेर लिया करता हूँ - कभी कभार भानुमति की भाँती तुकबंदियों का कुनबा भी जोड़ लिया करता हूँ -- सो लिखने में इतना अच्छा भी नहीं हूँ - तो भी मुझे बहुत से अच्छे रचनाकारों के बीच प्रतिलिपि ने जुड़ने का जो सुअवसर प्रदान किया है - मैं प्रतिलिपि का ह्रदय से आभारी हूँ --- सभी माननीय एवम् प्रिय लेखकों से सादर अनुनय है मेरा अपना आशीर्वाद तथा स्नेह मुझ पर कृपया पूर्वक बनाए रखियेगा - ( विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि मैं यहाँ पढ़ने की रुचि के कारण जुड़ा हुआ हूँ )

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sonu Shrma "महेश"
    20 अक्टूबर 2022
    absolutely nothing wrong
  • author
    Ani Tyagi
    29 नवम्बर 2022
    uchi lagi
  • author
    कुमार अभिनंदन
    07 मई 2019
    अच्छा है..
  • author
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  • author
    Sonu Shrma "महेश"
    20 अक्टूबर 2022
    absolutely nothing wrong
  • author
    Ani Tyagi
    29 नवम्बर 2022
    uchi lagi
  • author
    कुमार अभिनंदन
    07 मई 2019
    अच्छा है..