दूध से धुली चांदनी की तरह हो खूबसूरत कैसे छुऊ तुम्हें , मैली हो जाओगी , बस इसी बात से डरता हूं मैं, इस कदर प्यार तुमसे करता हूँ मैं तुम खुदा की कोई चीज नायाब हो , नजरें सबकी झुके ऐसा आदाब हो फरिशतों की तुमको नजर न लगे, परदा कर लो सनम, तुम बेनकाब हो बेवफा इस ज़माने से डरता हूँ मैं इस कदर प्यार तुमसे करता हूँ मैं खूबसूरत मलमली सा बदन तेरा चॉंदनी की हो छटा बिखरी हुई, जमाने से तो छुपा लूंगा तुझको मैं , लग न जाए पर कहीं मेरी नजर भर नजर देखने से भी डरता हूँ मैं इस कदर प्यार तुमसे करता हूँ मैं ...
रिपोर्ट की समस्या
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