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ओय पा जी कदी हँस भी लिया करो

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तुमने जानम  लूटा मुझको  मैं जब  मिलने  आया हूँ  मुझसे   पूछो  तेरे  इश्क   में  कितनी  चोटें  पाया  हूँ  पडके  तेरे  प्रेम  जाल  में  प्रियतम   मैं  पछताया  हूँ तेरे बाप और  भाई से जब  लात  और ...

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लेखक के बारे में
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Kamaal Husain

🙏💐नमस्कार आदाब शस्त्रीकाल💐🙏 प्यारे साथियों एवं प्रतिलिपि पे मौजूद महान कवि कवयित्री और नोवेल तथा अन्य स्टोरी के सम्मानित रचनाकारों का हार्दिक आभार की आपने नाचीज़ के जज्बात को समझा और अपना प्यार दिया मेरा नाम कमाल हुसैन उर्फ सोनू है मै गोंण्डा_उत्तर प्रदेश से हूँ मुझे बचपन से शायरी लिखने और पढ़ने का बहुत शौक था लेकिन मेरे घर के हालात ठीक ना होने की वजह से मैं 5वीं क्लाश से आगे नहीं पढ पाया लेकिन मैंने खुदको किताबों से कभी दूर नहीं होने दिया कभी नोवेल तो कभी कविता रोजाना अलग अलग रचनाकारों की किताबें पढता रहा और शायद इसी लिए मैंने आज थोड़ा बहुत लिखना सीखा और अभी तो आदत सी है लिखने की मैनें सबसे पहली रचना भेदभाव लिखी जो आप लोगों को बेहद पसंद आई आप लोगों की की समीक्षा ही मुझे उर्जा देती रही है और आगे भी मैं आप लोगों से निवेदन करता हूँ कि अपना प्यार और स्नेह मुझे देते रहे 🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐 कलम जैसी कोई दवाई नहीं है और काग़ज़ से मेरी रिहाई नहीं है मजा आए जब करलो अहसास तुम भी है खूने जिगर ये स्याही नहीं है लिखावट के दम पर है मिटता मेरा गम यूं ही बेवजह ये लिखाई नहीं है अंजान था अंजान हूँ अंजान रहूगाँ बस अब मैं इसी सर्त पे इंसान रहूगाँ दुनियाँ का क्या है बेंचने दो जहन भी कमाल मैं इंशा अल्लाह साहिबे इमान रहूगाँ!! तेरी मुस्कान मेरी जान मैं लाऊं कहाँ से अब और इस रुठे हुए दिल को मैं बहलाऊं कहाँ से अब

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    07 नवम्बर 2019
    वाह वाह बहुत खूब
  • author
    Krishna Shukla
    07 नवम्बर 2019
    ,बहुत मनमोहक,
  • author
    31 अगस्त 2019
    बहोत बढ़िया जी
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  • author
    07 नवम्बर 2019
    वाह वाह बहुत खूब
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    Krishna Shukla
    07 नवम्बर 2019
    ,बहुत मनमोहक,
  • author
    31 अगस्त 2019
    बहोत बढ़िया जी