एक लेखक के ज़िन्दगी में शब्दों के सिवा और कोई कारगर माध्यम नहीं होता अपने मन के असीम विचारों को संसार में लाने का अर्थात वह विचारों को शब्दों में पंक्तिबद्ध करके नए कहानियों को सृजित करता है साथ हीं वर्तमान में घटित घटनाओं को अप्रत्यक्ष तरीके से समाज में प्रस्तुत करता हैi एक लेखक होना एक गौरव है तो इसमें ज़िम्मेदारियाँ भी हैं i मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में सर्वाधिक रूचि हैi और जीवन से जुड़ी कहानियों को लिखना मुझे अच्छा लगता हैi प्रतिलिपि संस्था और पाठकगण के प्यार से मुझे एक नई पहचान मिली है I आप सभी ऐसे हीं प्रोत्साहित करते रहेंI किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत टिप्पणी निषेध हैI
रिपोर्ट की समस्या
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