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।।जिसको राम बचाना चाहें ।।

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जिनको राम बचाना चाहें ,     वो ,बंच पाते है ,         बचा भव पार लगाते है ।,,2,, बाकी कंचन कीर्ति कामिनी ,        हाँथ ठगाते है ,             अधः फिर फिर गिर जाते है ।।,,2,,                    ...

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लेखक के बारे में
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Shambhunath Shukla
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    R.K shrivastava
    10 డిసెంబరు 2022
    निस्संदेह ! श्रीराम की कृपा हो ! संसार में इससे अच्छा और कुछ नहीं है !!
  • author
    K D
    10 డిసెంబరు 2022
    बहुत खूब
  • author
    S.K.
    10 డిసెంబరు 2022
    good
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    R.K shrivastava
    10 డిసెంబరు 2022
    निस्संदेह ! श्रीराम की कृपा हो ! संसार में इससे अच्छा और कुछ नहीं है !!
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    K D
    10 డిసెంబరు 2022
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    S.K.
    10 డిసెంబరు 2022
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