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ओ चतुर चितेरे

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ओ चतुर चितेरे! दो बतला , कैसे तुमने हृदय छला। बंधी प्रणय परिधि में जब से,    आयी जीवन में तरुणाई ,    स्पर्शों के एहसासों से ही,    मैं छुई - मुई बन शरमाई अरुणाई आभा ने आ चेहरे पर गुलाल मला । ...

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लेखक के बारे में
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Tara Gupta

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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raju Tripathi
    09 फ़रवरी 2020
    प्यार के एहसास पर अच्छी कविता
  • author
    Namita Gupta
    23 अप्रैल 2019
    good
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  • author
    Raju Tripathi
    09 फ़रवरी 2020
    प्यार के एहसास पर अच्छी कविता
  • author
    Namita Gupta
    23 अप्रैल 2019
    good