pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

नया बचपन

4.6
335

बचपन जीवन की मरुभूमि में मिला बस अंजुली भर पानी । उम्र के हाथों लिखी सबसे सुंदर कविता। सबसे सुंदर कविता के हाथों, लिखी सबसे सुंदर उम्र। इसके लिए पीछे नही, लौटा जा सकता। इसे साथ लेकर आगे भी, बढ़ ने ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

हेमा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राकेश जोशी "रब"
    11 अक्टूबर 2017
    achha likha hai
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    25 अगस्त 2022
    बचपन की स्मरणीय छवि व मनोभावों का सुन्दर चित्रण करती प्रभावी रचना । हार्दिक साधुवाद
  • author
    27 सितम्बर 2019
    सचमुच बचपन की याद ताउम्र के लिए है।उदासी मे भी उमंग।रचना के लिए बधाई।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राकेश जोशी "रब"
    11 अक्टूबर 2017
    achha likha hai
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    25 अगस्त 2022
    बचपन की स्मरणीय छवि व मनोभावों का सुन्दर चित्रण करती प्रभावी रचना । हार्दिक साधुवाद
  • author
    27 सितम्बर 2019
    सचमुच बचपन की याद ताउम्र के लिए है।उदासी मे भी उमंग।रचना के लिए बधाई।