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निर्मुक्त प्रेम

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प्रेम एक खूबसूरत भाव है,मनोभाव है, ह्रदय को स्पंदित करने वाला एक एहसास है।प्रेम में नियम कैसे हो सकते हैं।यह तो निर्बाध है, निःशंक है। माता पिता का प्रेम कोई नियमों में,कानूनों  में बांधा जा सकता ...

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लेखक के बारे में
author
Shashi Mahajan

मैं मूलतः पंजाब प्रदेश से संबंधित हूँ परन्तु मेरी शिक्षा-दीक्षा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हुई है। मैंने संस्कृत विषय में एम.ए. और उसके पश्चात बी.एड. किया है। पठानकोट (पंजाब) में मैंने डिग्री कॉलेज से शिक्षण कार्य आरम्भ किया। विवाहोपरान्त हैदराबाद जो अब तेलंगाना की राजधानी है, में पहले आई डी पी एल हाई स्कूल और फिर सिस्टर निवेदिता हाई स्कूल में अध्यापन कार्य किया। लेखन के प्रति अभिरुचि तो छात्र जीवन से थी। अब अवकाश प्राप्त कर लेखन पर विशेष ध्यान और समय दे पा रही हूँ। मेरे तीन कथा संग्रह एमेजॉन पर प्रकाशित हो चुके हैं। सह्रदयजन चाहें तो तो उनका आस्वादन ले सकते हैं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raj Bahadur
    06 डिसेंबर 2022
    बहुत सुंदर बेहतरीन अभिव्यक्ति का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। आपने बिल्कुल सही कहा। हृदय की गहराइयों का एहसास है। क्रय विक्रय की कोई वस्तु नहीं। आपने सारगर्भित, लाजवाब लिखा।
  • author
    विष्णुप्रिया
    06 डिसेंबर 2022
    सही कहा आपने.... प्यार जबरन खरीदी जाने वाली वस्तु नही है.... ये तो आँखो से उतर कर दिल तक पहुँचता है.... बेहद खूब लिखा है👌🙏
  • author
    Summi
    06 डिसेंबर 2022
    शीर्षक को सार्थक करती बहुत ही लाजवाब और संदेशात्मक रचना मैम 🌹👌🌹👌🌹
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    Raj Bahadur
    06 डिसेंबर 2022
    बहुत सुंदर बेहतरीन अभिव्यक्ति का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। आपने बिल्कुल सही कहा। हृदय की गहराइयों का एहसास है। क्रय विक्रय की कोई वस्तु नहीं। आपने सारगर्भित, लाजवाब लिखा।
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    विष्णुप्रिया
    06 डिसेंबर 2022
    सही कहा आपने.... प्यार जबरन खरीदी जाने वाली वस्तु नही है.... ये तो आँखो से उतर कर दिल तक पहुँचता है.... बेहद खूब लिखा है👌🙏
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    Summi
    06 डिसेंबर 2022
    शीर्षक को सार्थक करती बहुत ही लाजवाब और संदेशात्मक रचना मैम 🌹👌🌹👌🌹