मै प्रोफेसनल लेखक नहीं हूं। मै तो एक सरकारी कर्मचारी हूं जो खाली समय में कुछ लिखने की कोशिश करता रहता हूं। आप सब प्रिय पाठकों की अमूल्य समीक्षायें मुझे हमेशा उत्तरोत्तर सुधार, मार्गदर्शित और प्रेरित करती हैं।
सारांश
मै प्रोफेसनल लेखक नहीं हूं। मै तो एक सरकारी कर्मचारी हूं जो खाली समय में कुछ लिखने की कोशिश करता रहता हूं। आप सब प्रिय पाठकों की अमूल्य समीक्षायें मुझे हमेशा उत्तरोत्तर सुधार, मार्गदर्शित और प्रेरित करती हैं।
अगर निर्मला सीतारमण जी ने इतने ही संघर्ष किए हैं तो वह गरीबों को क्यों नहीं समझती क्यों इस सरकार के होने पर गरीबों की नौकरियां जा रही है एक भाई ने लिखा है कि उन्हें प्यार से महंगा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन भाई सिर्फ आपको फर्क पड़ने या ना पढ़ने से कुछ नहीं होता यहां हर एक चीज महंगी है तो क्या आप हवा खा कर चलते हैं और इस सरकार के होने से सब चीज प्राइवेट हो रहा है क्या इतने संघर्ष के बाद यह सरकार या निर्मला सीतारमण जी गरीबों को समझती है वैसे तो हर कोई अपने जिंदगी में संघर्ष करता है जैसे कि ए पी जे अब्दुल कलाम जी थे
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
अगर निर्मला सीतारमण जी ने इतने ही संघर्ष किए हैं तो वह गरीबों को क्यों नहीं समझती क्यों इस सरकार के होने पर गरीबों की नौकरियां जा रही है एक भाई ने लिखा है कि उन्हें प्यार से महंगा होने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन भाई सिर्फ आपको फर्क पड़ने या ना पढ़ने से कुछ नहीं होता यहां हर एक चीज महंगी है तो क्या आप हवा खा कर चलते हैं और इस सरकार के होने से सब चीज प्राइवेट हो रहा है क्या इतने संघर्ष के बाद यह सरकार या निर्मला सीतारमण जी गरीबों को समझती है वैसे तो हर कोई अपने जिंदगी में संघर्ष करता है जैसे कि ए पी जे अब्दुल कलाम जी थे
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या