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...निर्मल मन...!+

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...निर्मल  मन  जन मोही पावा..! मोही छल  छिद्र  कपट नही भावा...!! ...प्रभु  को वही भाता है जो निर्मल  मन का हो उन्हे  छल कपट से नही पाया जा सकता... ...बाबा तुलसीदास जी महाराज  ने रामचरित मानस मे ...

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लेखक के बारे में
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Suresh Upadhyay

चना चबैना सबको देता 🙏 दाता ये करतार बनारस 🙏 यहां बैठ कर मुक्ति बाटता 🙏 जग का पालन हार बनारस 🙏 मरना यहां सुमंगल होता 🙏 और मृत्यु श्रृंगार बनारस 🙏 हर काशी वाशी रखता है 🙏 ठेंगे पर संसार बनारस 🙏 यहां गुरु सब चेला 🙏 लगता हैं रंगदार बनारस🙏 मीठी बोली इतनी प्यारी 🙏 सब जाते खुद को हार बनारस🙏

समीक्षा
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    12 जुलै 2025
    निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। अहा! कितनी सुन्दर और मनोहारी बात कही है भैया। सचमुच तुलसीदास जी के प्रसंग बहुत प्रेरक होते हैं। बिन कान सुने, बिन पैर चले, बिन हाथ करोडों काम करे। जिसे डर तेरा वो निडर हुआ, दुनियाँ से वो बिल्कुल न डरे। ऐसी बातों से मन अघाता ही नहीं है। राधे राधे 🙏 🌷 🙏
  • author
    Sunita Swami Sunita
    12 जुलै 2025
    अति उत्तम प्रस्तुति देते हुए बाबा तुलसीदास और भगवान जगन्नाथ के स्वपन की बातें लाज़वाब 👌👌💐💐 शानदार रचना। आज़ पहली बार यह रहस्य समझा। आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी। आप आगे भी इसी प्रकार से हमारा मार्ग प्रशस्त करतें रहें। राम राम जी 🙏💐💐
  • author
    Dr.Aradhana Neekhara
    12 जुलै 2025
    बेहद खूबसूरत ,निर्मल प्रसंग। सराहनीय संस्मरण
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    12 जुलै 2025
    निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। अहा! कितनी सुन्दर और मनोहारी बात कही है भैया। सचमुच तुलसीदास जी के प्रसंग बहुत प्रेरक होते हैं। बिन कान सुने, बिन पैर चले, बिन हाथ करोडों काम करे। जिसे डर तेरा वो निडर हुआ, दुनियाँ से वो बिल्कुल न डरे। ऐसी बातों से मन अघाता ही नहीं है। राधे राधे 🙏 🌷 🙏
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    Sunita Swami Sunita
    12 जुलै 2025
    अति उत्तम प्रस्तुति देते हुए बाबा तुलसीदास और भगवान जगन्नाथ के स्वपन की बातें लाज़वाब 👌👌💐💐 शानदार रचना। आज़ पहली बार यह रहस्य समझा। आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी। आप आगे भी इसी प्रकार से हमारा मार्ग प्रशस्त करतें रहें। राम राम जी 🙏💐💐
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    Dr.Aradhana Neekhara
    12 जुलै 2025
    बेहद खूबसूरत ,निर्मल प्रसंग। सराहनीय संस्मरण