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निराकार स्वरूप

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भक्त की भाव.... दुनिया बनाये गुरु...साकार! फिर आप क्यों हो निराकार? मुझे समझ नही आता ये चमत्कार! रंग बिरंग के बने जीव संसार। .........................................    परमपिता का भाव--- मैं कहा ...

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लेखक के बारे में
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Dineshkumar Joshi

मेरा नाम दिनेश कुमार जोशी है मैं पेशे से एक शिक्षक हु। मैं छतीसगढ़ के अंतर्गत दुर्ग जिले का निवासी हु। मैं सत्य के समीप कविता ,गीत लिखना पसन्द करता हूं। एवं समय का सदुपयोग करना मेरा फितरत है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Santosh kumar Chaturvedi
    21 जुलाई 2021
    सुपर से ऊपर ऊपर से और ऊपर बेहतरीन निखार चमक शानदार लाजवाब कविता शिक्षाप्रद प्रेरणश्रोत 👌👌👌👌👌
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    Santosh kumar Chaturvedi
    21 जुलाई 2021
    सुपर से ऊपर ऊपर से और ऊपर बेहतरीन निखार चमक शानदार लाजवाब कविता शिक्षाप्रद प्रेरणश्रोत 👌👌👌👌👌