pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

निन्यानवे के सौ

4.8
96

किसी राज्य में एक राजा राज्य करता था। वह पूर्ण रूप से सम्पन्न होने के बावजूद भी परेशान रहता था। वह अपनी  खुशी प्राप्त करने के लिए समय - समय पर अपनी प्रजा के बीच भी जाकर समय व्यतीत करता था। लेकिन ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मैं एडवोकेट सुदर्शन मित्तल 'दक्ष' एक बिजनेसमैन हूँ, लेकिन जब भी कभी मेरा मन करता है तो मैं उठा लेता हूँ अपनी डायरी और पेन ओर कुछ शब्दों के द्वारा अपनी ये मौलिक रचनाऐं लिख देता हूँ। ************************************** "कोशिश करते रहो बड़ी हद असफल हो जाओगे।" "EDUCATION IS THE MOTHER OF LEADERSHIP. " "THE GREAT AIM OF EDUCATION IS NOT KNOWLEDGE BUT ACTION. "

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neha Mishra
    05 दिसम्बर 2019
    संतोषम परम सुख आपकी कहानी इस सत्यता को सिद्ध करती है
  • author
    Rajnee Singh
    13 नवम्बर 2019
    सच है , निन्यानवे के फेर में पड़ना ही नही चाहिए।
  • author
    Mamta Singh
    15 दिसम्बर 2019
    सत्यता से परिपूर्ण कहानी
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Neha Mishra
    05 दिसम्बर 2019
    संतोषम परम सुख आपकी कहानी इस सत्यता को सिद्ध करती है
  • author
    Rajnee Singh
    13 नवम्बर 2019
    सच है , निन्यानवे के फेर में पड़ना ही नही चाहिए।
  • author
    Mamta Singh
    15 दिसम्बर 2019
    सत्यता से परिपूर्ण कहानी