मैं विनोद कुमार राव "भारतीय" आप सभी का बहुत स्वागत करता हूँ। हमारे जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आते हैं। कभी दुःख है तो कभी सुख है एक सिक्के के दो पहलू है। दोस्तों , बिना अफ़सोस किये हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए ! मैं हमेशा अपनी खुद की लिखित रचनाऐ ही प्रकाशित करता हूँ। अधिक जानकारी के लिए मेरे ब्लॉग https://vinodkumarrao.blogspot.com पर भी मेरी स्वंय रचित रचनाये हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में पढ सकते है
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