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नीले पे सवार हो बाबा ने.....

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शीर्षक - नीले पे सवार हो बाबा ने..... नीले पे सवार हो बाबा ने जब जय भवानी बोला होगा क्या धरती, क्या अंबर, इंद्र का सिंहासन डोला होगा चांद,सुरज खामोशी की चद्दर ओढ़े बादलों में छुपे होंगे नवग्रहों ...

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लेखक के बारे में

ख्वाबों में बसा ख्यालात हूं दर्द में चैनों सुकून की रात हूं जरा इत्मिनान से पढ़ना मुझे मैं एक अनकहा जज़्बात हूं गले मिलो तो मुलाकात हूं साथ ले लो तो खुशीयों की बारात हूं मीलों सफर कर दिल से निकला मैं एक अनकहा जज़्बात हूं तुम कह ना सके वो बात हूं तुम जता ना सके वो हालात हूं ठुकरा ना देना लबों पर लाकर मैं एक अनकहा जज़्बात हूं।। दिल की कलम से दिल ❤️ के जज़्बात लिखने की एक कोशिश श्याम दीवाने हैं प्रेम से राधे राधे बोल दो ना एक बार 🌹राध राधे 🌹 जयपुर, राजस्थान M.no.9785867338

समीक्षा
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    Mamta Kundan Tyagi "Mamta"
    20 जून 2023
    बहुत सुंदर लिखा है भाई👌👌👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    20 जून 2023
    ऐसी रचनाओं की समीक्षा नहीं की जाती है, नमन किया जाता है।
  • author
    20 जून 2023
    बहुत अच्छा लिखा कुमावत जी बहुत सुंदर शब्द
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    Mamta Kundan Tyagi "Mamta"
    20 जून 2023
    बहुत सुंदर लिखा है भाई👌👌👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
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    20 जून 2023
    ऐसी रचनाओं की समीक्षा नहीं की जाती है, नमन किया जाता है।
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    20 जून 2023
    बहुत अच्छा लिखा कुमावत जी बहुत सुंदर शब्द