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नीला दाँत

4.4
13079

अमृतसर जाना वो भी दिल्ली से बड़ा आरामदायक काम है! पर लौटने में कई बार भीड़ भाड़ हो जाती है! कुछ साल पहले, गुरपुरब के साथ एक त्यौहार और पड़ गया था! इसलिए वापसी में मारामारी जोरों पर थी, फिर भी टिकेट ...

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लेखक के बारे में

सहर करीब 15 साल से पढ़ने और लिखने के शौक को काम की तरह करते हैं। तीन साल से अपना ब्लॉग लिख रहे हैं। खुद को अति-प्रैक्टिकल मानते हैं इसलिए इनकी कहानियों में भी प्रैक्टिकल ज्ञान साफ़ झलकता है। फ़िलहाल, प्राइवेट कंपनी में एडमिनिस्ट्रेटर हैं और अपने घर में राइटर। कहानियां लिखते हैं, गज़लें लिखते थे, अब इन दिनों उपन्यास लिख रहे हैं। आगे क्या लिखेंगे इसका क़तई कोई ज्ञान नहीं पर लिखते रहेंगे,इसका भरोसा है। अधिक जानकारी के लिए फेसबुक पर जुड़े अथवा ट्विटर पर फॉलो करें। /Siddhartarorasahar - Facebook @SiddheartA - Twitter

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Yogesh Kumar
    15 ఫిబ్రవరి 2019
    भाषा अलग है आपकी पर स्त्री सुंदरता वर्णन में भी हास्य पिरोने के चक्कर ने झोल दे दिया। पर आनंद आ गया
  • author
    Niharika Arora
    25 సెప్టెంబరు 2018
    हा हा हा हा वैसे ये स्टोरी मैने fb पर भी पढी है , कही आप मेरी friend list मे तो नही
  • author
    कोमल राजपूत
    21 ఫిబ్రవరి 2018
    hahaha.. Aachi story thi or end me to kammal Ka twist tha 😂😂😂
  • author
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    Yogesh Kumar
    15 ఫిబ్రవరి 2019
    भाषा अलग है आपकी पर स्त्री सुंदरता वर्णन में भी हास्य पिरोने के चक्कर ने झोल दे दिया। पर आनंद आ गया
  • author
    Niharika Arora
    25 సెప్టెంబరు 2018
    हा हा हा हा वैसे ये स्टोरी मैने fb पर भी पढी है , कही आप मेरी friend list मे तो नही
  • author
    कोमल राजपूत
    21 ఫిబ్రవరి 2018
    hahaha.. Aachi story thi or end me to kammal Ka twist tha 😂😂😂