pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

नज़्म: " फ़क़त इक बार "

5
13

नज़्म सुनो! नहीं है मेरे पास ज़ख़ीरा कोई दौलत का हां, बस कुछ टूटे-फूटे अल्फ़ाज़ हैं जो कभी भी ख़त्म नहीं होंगे गर तुम्हें कभी ज़रूरत पड़े इनकी फ़क़त इक बार पुकार लेना इन्हें तो ये काम तुम्हारे आयेंगे जब ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Barkat Sahra

❤️ " Something is better than nothing. " ❤️

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 जुलाई 2020
    बहुत ही सुंदर शानदार रचना...👌👌🌺🌺🌺
  • author
    Sohan Dabiyal
    14 जुलाई 2020
    वाह बेहतरीन
  • author
    14 जुलाई 2020
    लाजवाब लिखा आपने
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 जुलाई 2020
    बहुत ही सुंदर शानदार रचना...👌👌🌺🌺🌺
  • author
    Sohan Dabiyal
    14 जुलाई 2020
    वाह बेहतरीन
  • author
    14 जुलाई 2020
    लाजवाब लिखा आपने