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नया सूरज :नई रोशनी

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भागम भाग जिंदगी में हर शाम थक कर चूर होकर बेसुध हो बिस्तर पर पसरते रात के अंधियारे में मानो जिंदगी थम सी जाती हर दिन नई सुबह होती नया सूरज बदस्तूर पूरब में आ उगता नया सूरज नई रोशनी नई आभा नई ...

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लेखक के बारे में
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Ashok Kansal

Nothing to show.Writing is not my profession it has become my hobby & passion .

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Sharma
    26 सितम्बर 2023
    बहुत सुंदर
  • author
    Chandra Prakash Gupta
    26 सितम्बर 2023
    बहुत सुंदर
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  • author
    Sushma Sharma
    26 सितम्बर 2023
    बहुत सुंदर
  • author
    Chandra Prakash Gupta
    26 सितम्बर 2023
    बहुत सुंदर