pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

नया सवेरा (कविता)

5
239

छँटी वो काली रात और खामोश अंधेरा। जब ले आया सूरज नया सवेरा। खिल उठी हर कली कली महक उठी हर गली गली मंडराने लगे तितली और भंवरे देख के फूल के रंग सुनहरे चमक उठी हर दिशा दिशा इतना तेज घनेरा। जब ले ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Amit Tiwari
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dolagobinda Dash "Kanha"
    25 अप्रैल 2020
    Good
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dolagobinda Dash "Kanha"
    25 अप्रैल 2020
    Good