pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

नाथू तोता थावरी

5
56

हिमालय  की  तलहटी  में  सुरम्य  हरी - भरी  घाटी  थी ।। किसी  जमाने  में  वहाँ  आम  बोए  गए  होंगे ;  सो  घनी  अमराइयाँ  थी  ।  चारों  ओर  इतनी  घनी  और  विशाल  अमराइयाँ  थी  कि  लगता  था  पृथ्वी  ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
अजीत सिंह
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    😊 Ruchi 😊
    29 अप्रैल 2025
    मिल गईं सर ये स्टोरी, आप भी मुझे फॉलो कर के मेरी कहानियां पढ़ सकते हैं 🙂😊
  • author
    Ajit Singh
    13 अप्रैल 2025
    इस कहानी को पढ़कर बचपन याद आ गया ।। इस कहानी को मैंने तीसरी कक्षा में पढ़ा था । यह कहानी सन् 1996 में पहली बार पढ़ी थी । किताब का नाम हिन्दी तीसरी कक्षा था । संस्करण 1996 - 97 वां था ।। इस कहानी में नाथू का पक्षियों के प्रति असीम स्नेह दिखाया गया है ।।
  • author
    Kavita kumari
    06 जून 2025
    यह कहानी पढ़कर बचपन की यादें ताजा हो गयी।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    😊 Ruchi 😊
    29 अप्रैल 2025
    मिल गईं सर ये स्टोरी, आप भी मुझे फॉलो कर के मेरी कहानियां पढ़ सकते हैं 🙂😊
  • author
    Ajit Singh
    13 अप्रैल 2025
    इस कहानी को पढ़कर बचपन याद आ गया ।। इस कहानी को मैंने तीसरी कक्षा में पढ़ा था । यह कहानी सन् 1996 में पहली बार पढ़ी थी । किताब का नाम हिन्दी तीसरी कक्षा था । संस्करण 1996 - 97 वां था ।। इस कहानी में नाथू का पक्षियों के प्रति असीम स्नेह दिखाया गया है ।।
  • author
    Kavita kumari
    06 जून 2025
    यह कहानी पढ़कर बचपन की यादें ताजा हो गयी।