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नाथ नील नल कपि दौ भाई। लरिकाई रिषि आशीष पाई रामायण के सुंदर काण्ड से उद्धृत पंक्तियों से प्रेरित होकर लिखने का प्रयास।

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आध्यात्मिकप्रेरणादायक

* नाथ नील नल कपि दो भाई।      लरिकाई ऋषि आशीष पाई।*      जय जय मां शारदे। कृपा करो हे मां शारदे।    उपरोक्त पंक्तियां सुंदर काण्ड से उद्धृत किया गया है। इन पंक्तियों का आशय यह है कि नील और नल ...

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लेखक के बारे में

जय‌ जय मैहर वाली शारदा मैया जी तुम्हें कोटि कोटि प्रणाम करते हैं।। सरस्वती महाभागे विद्ये कमल लोचनी। विश्व रुपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते। नमस्तुभयं परमेश्वरी सिद्धेश्वरी विद्यारूपिणे विद्या देहि मातु शारदे। त्वां पाद पद्मे नमस्कारं करोति । हे वरप्रदा ज्ञान मुद्रा वरदायिनी विश्व संचालिनी ब्रह्मचारिणी वागीश्वरी नमोस्तुते। हे मां शारदे तुझे कोटि कोटि प्रणाम मां। जय हो मां। 🚫 Do not do message me 🚫

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    upendra kumar singh "परमार"
    23 जून 2023
    जयश्री राम
  • author
    Jyoti Saini "क्वीन"
    23 जून 2023
    nice
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    upendra kumar singh "परमार"
    23 जून 2023
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    23 जून 2023
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