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नश्वर

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नश्वर है यह जगत, आया है वे जाएगा राजा रंग फकीर। क्षिती,जल,पावक, गगन ,समीरा। एक दिन मिल जाएगा, अधम शरीरा।। इस जगत में जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है। भले ही हमारी आत्मा अमर है। नश्वर जगत होने ...

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लेखक के बारे में
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मंदाकिनी

श्रीमती- लेखक मंदाकिनी निर्मलकर( कर्ष ) पिताजी -दूजेराम कर्ष (पूर्व शिक्षक) माता - क़यामती , योग्यता - एम .ए. ( हिंदी साहित्य) , व्यवसाय- भारतीय जीवन बीमा अभिकर्ता, पोस्ट ऑफिस अभिकर्ता पुस्तक प्रकाशित-सुंदरकांड छत्तीसगढ़ी भावनुवाद रुचि -काव्य पढ़ने का उपन्यास पढ़ने एवं लिखने .... व्हाट्स 916265902580

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shikha Rajput
    23 मार्च 2022
    बहुत सुंदर कविता👌👌👌👌👌💐💐💐
  • author
    Jyoti Meera
    23 मार्च 2022
    सुन्दर भावपूर्ण रचना 💐✍️💐
  • author
    अभिलाज
    23 मार्च 2022
    खूबसूरत है
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  • author
    Shikha Rajput
    23 मार्च 2022
    बहुत सुंदर कविता👌👌👌👌👌💐💐💐
  • author
    Jyoti Meera
    23 मार्च 2022
    सुन्दर भावपूर्ण रचना 💐✍️💐
  • author
    अभिलाज
    23 मार्च 2022
    खूबसूरत है