pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

नारी तू नारायणी

5
6

नारी तू नारायाणी है ये बात तो जग ने मानी है फिर क्यों युगों - युगों से तेरी आँख मे पानी है। चल दिखा अपना विराट रूप तोड़ जंजीर तू अबला वाली छोड़ डरना अब निकल घर से बना छवि तू अम्बा (दुर्गा) वाली उठा ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Kavita Chaudhary

Author of book 'तृषा' और 'जिस्मानी इश्क'

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    10 अक्टूबर 2022
    सुन्दर रचना के लिए हार्दिक आभार आपका मेरी भी रचना पढ़े
  • author
    10 अक्टूबर 2022
    निशब्द करती हुई बेहतरीन रचना
  • author
    Shashi Mahajan
    10 अक्टूबर 2022
    प्रेरक रचना
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    10 अक्टूबर 2022
    सुन्दर रचना के लिए हार्दिक आभार आपका मेरी भी रचना पढ़े
  • author
    10 अक्टूबर 2022
    निशब्द करती हुई बेहतरीन रचना
  • author
    Shashi Mahajan
    10 अक्टूबर 2022
    प्रेरक रचना