राधारानी पोरवाल- सहायक अध्यापिका , कानपुर नगर।
मन में विचारों के बवंडर तो उठते थे परंतु अभिव्यक्ति का कहीं
कोई उचित स्तंभ नहीं दिखाई दे रहा था। ऐसे में प्रतिलिपि ने
हमें सुअवसर ही नहीं प्रदान किया अपितु पोएट्री मैराथन स्पर्धा
में टॉप 30 में स्थान देकर हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।
मैं प्रतिलिपि की हृदय से आभारी हूं।
मेरे जीवन के 2 मूल मंत्र है 1-संघर्ष ही जीवन है।
2-कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती । मैंने कोरोनाकाल से ही काव्य रचना के क्षेत्र में प्रवेश किया। साथ ही कहानियां भी लिखने का प्रयास कर रही हूं। मेरा उद्देश्य अपने अंतर्मन के जज्बातों में सुंदर रंग भर कर आपके समक्ष प्रस्तुत करना है। 🙏🙏
रिपोर्ट की समस्या
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