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नमी

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बेहद खुबसुरत तो नही है हम... मुझमे भी है बहोत सारी कमी.... पर कुछ तो अच्छाई होगी मुझमे.... की याद कर उसे तेरी आँखो मे आती होगी नमी .... ...

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लेखक के बारे में

शब्द हसवतात, शब्द रडवतात..... शब्द रुसवतात, शब्द मनवतात... आयुष्याचे खेळ सारे या..... शब्दांवरच तर चालतात....

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    D.Vaishali K.S "DVSK"
    27 सितम्बर 2023
    लाजवाब पेशकश मोहतरमा, 🙏🙏🙏⭐💚🍁💥💐🔅🌹💫❇️🌿🏵️❤️🍀💕☀️⭐💙
  • author
    Shweta
    27 सितम्बर 2023
    excellent 👍👌.. शब्दच नाहीत❤️🍫🍫🍫🍫🍫🍫✍️✍️👌👌👌🌷🌷
  • author
    Latika S.G
    27 सितम्बर 2023
    क्या बात है....बहोत बढीया 👌👌👌👍✍
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    D.Vaishali K.S "DVSK"
    27 सितम्बर 2023
    लाजवाब पेशकश मोहतरमा, 🙏🙏🙏⭐💚🍁💥💐🔅🌹💫❇️🌿🏵️❤️🍀💕☀️⭐💙
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    Shweta
    27 सितम्बर 2023
    excellent 👍👌.. शब्दच नाहीत❤️🍫🍫🍫🍫🍫🍫✍️✍️👌👌👌🌷🌷
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    Latika S.G
    27 सितम्बर 2023
    क्या बात है....बहोत बढीया 👌👌👌👍✍