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नई शुरुआत

4.3
8264

अपने घमंड को किनारे कर शगुन ने खुद को बदला

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लेखक के बारे में
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Kavita Nagar

कविता नागर, लेखन में अपने अनुभव को चित्रित करने की कोशिश करती हूँ।मैं हमेशा यही कोशिश करती हूँ, कि दिल की बात दिल तक पहुँचे।कविताएं लिखना मुझे बहुत पसंद है।विभिन्न सोशल साइट्स पर ब्लागर हूंँ,कुछ रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती रहती है।लेखन के उच्चतम स्तर पर पहुँचने के लिए प्रयासरत हूंँ। काव्य रंगोली,कविकुंभ पत्रिका,हिंदी मिलाप ,लोकजंग न्यूज पेपरऔर विभिन्न वेवसाईट पर रचनाएं प्रकाशित।

समीक्षा
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  • author
    भारती करपटने
    27 अगस्त 2020
    आह!!! पढ़ते पढ़ते मेरी आँखें नम हो गईं.....इतनी प्यारी सी रचना ,सरल,सरस, सहज भी👍👍दिली शुक्रिया। मेरी भी कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई हैं,अपने अनमोल विचारों से अवगत कराएं। धन्यवाद
  • author
    Aruna Garg
    09 जुलाई 2019
    nice.mere sath bhi esa hota he.ghar grahasthi ke aage hobbies ki koi Nahi puchta bas sabko apna k Chahiye.
  • author
    ajay
    06 जून 2019
    👏👏👏दो कहानियों को पढ़ने के बाद मन में यही था बाकी पर महोदयाजी आप तो पहले ही लिख चुकी है स्त्री सहयोग पर👏👏👏
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    भारती करपटने
    27 अगस्त 2020
    आह!!! पढ़ते पढ़ते मेरी आँखें नम हो गईं.....इतनी प्यारी सी रचना ,सरल,सरस, सहज भी👍👍दिली शुक्रिया। मेरी भी कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई हैं,अपने अनमोल विचारों से अवगत कराएं। धन्यवाद
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    Aruna Garg
    09 जुलाई 2019
    nice.mere sath bhi esa hota he.ghar grahasthi ke aage hobbies ki koi Nahi puchta bas sabko apna k Chahiye.
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    ajay
    06 जून 2019
    👏👏👏दो कहानियों को पढ़ने के बाद मन में यही था बाकी पर महोदयाजी आप तो पहले ही लिख चुकी है स्त्री सहयोग पर👏👏👏