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नहीं थे तुम

4.4
1484

होना तुम्हारा मेरे जीवन में एक गुदगुदाता मीठा अहसास हरदम आसपास समय बदला वह अहसास भी बदला एक घुटन भरी पीड़ा में तुम्हारा होना भी , न होना , बन गया था मेरे अस्तित्व में लगता , मै छली गयी , मै ठगी गयी !! ...

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लेखक के बारे में

आओगे जब तुम औ सजना अंगना फूल खिलेंगे , , , sirf tum    शिक्षा_         एम.ए. संस्कृत( रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय,बरेली)   अन्य_                         लघु शोध , “कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कोर्स ” सम्मान _                     सारस्वत सम्मान, विशिष्ट सरस्वती रत्न सम्मान सम्प्रति _           आल इंडिया रेडियो , अनाउन्सर   सृजन _        कविता , कहानी , लेख आदि प्रकाशन_                       एक काव्य संग्रह ‘ये मेरा आसमां’ व एक कहानी संग्रह “लिव लाइफ” प्रकाशित   कथादेश, परिकथा ,कादम्बिनी , दैनिक जागरण ., अमर उजाला , लहक, समाज कल्याण, मधुराक्षर, करुणावती साहित्यधारा आदि अनेकों साहित्यिक पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित   आकाशवाणी, दूरदर्शन पर कविता कहानी व परिचर्चा में सहभागिता और साहित्यिक गोष्ठी,  कविता कोष में रचनाओं का शामिल होना ....  

समीक्षा
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  • author
    Simmi Yadav
    10 ഫെബ്രുവരി 2018
    नहीं थे तुम " it was awesome feeling to see my inner feelings in ur poetry lovely
  • author
    24 ജൂണ്‍ 2018
    बहुत ही खूबसूरत... अहसासों से ओत प्रोत👌👌
  • author
    शुभम पंथ
    04 ഫെബ്രുവരി 2018
    मेरी सोई भावनाओ को जीवंत कर दिया 'अदभुत'
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    Simmi Yadav
    10 ഫെബ്രുവരി 2018
    नहीं थे तुम " it was awesome feeling to see my inner feelings in ur poetry lovely
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    24 ജൂണ്‍ 2018
    बहुत ही खूबसूरत... अहसासों से ओत प्रोत👌👌
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    शुभम पंथ
    04 ഫെബ്രുവരി 2018
    मेरी सोई भावनाओ को जीवंत कर दिया 'अदभुत'