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नागपाश

4.3
17406

''कृष्ण पक्ष समाप्त हुआ, अब चांद के घटते जाने की पीड़ा से निजात मिलेगी 'परी'। नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं।' मेरी जानी पहचानी आवाज ने मुझसे फोन पर बस इतना कहा और यह कहकर फोन रख दिया कि वह एयरपोर्ट ...

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लेखक के बारे में
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योगिता यादव

जन्म : 18 जून 1981, दिल्लीशिक्षा : एम.ए. (राजनीति शास्‍त्र, हिंदी)कृति : भारतीय ज्ञानपीठ से 'क्लीन चिटÓ (कहानी संग्रह)पुरस्कार : कहानी संग्रह 'क्लीन चिटÓ पर भारतीय ज्ञानपीठ का आठवां नवलेखन पुरस्कार। कहानी 'झीनी झीनी बिनी रे चदरियाÓ पर कलमकार अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता का द्वितीय पुरस्कार।जम्मू के विशेष सांस्कृतिक अध्ययन पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से जूनियर फैलोशिप।पिछले 15 वर्ष से सक्रिय पत्रकारिता में। वर्ष 2004 से हिंदी में कविताओं एवं कहानियों का लेखन। रेडियो, दूरदर्शन के साथ ही कई महत्वपूर्ण मंचों पर कविता एवं कहानी पाठ। हंस, प्रगतिशील वसुधा, नया ज्ञानोदय, कथाक्रम, अनहद, पर्वत राग, जनसत्ता, नई दुनिया, शीराजा आदि पत्र-पत्रिकाओं में कहानियों के प्रकाशन के अलावा कृत्या, जानकीपुल, पहलीबार, स्वयंसिद्धा, आउटलुक आदि वेब पत्रिकाओं में भी रचनाओं का प्रकाशन।स्त्री रचनाकारों के समूह 'स्त्री सृजनÓ की संस्थापक।युवा हिंदी लेखक संघ, जम्मू की सचिव।संप्रति: दैनिक जागरण, जम्मू

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Harshita Srivastava
    24 जुलाई 2017
    shabd nahi hain prashansa krne k lie
  • author
    Madhuri Thapa
    03 दिसम्बर 2018
    ek aurat apne man kitani ichhaye dabaye or chhupaye rakhti he sach me apni ichhaye maar to deri he par sath me khud bhi mar jaati he
  • author
    नीविया शर्मा "Neel"
    08 जुलाई 2016
    योगिता अचंभित और स्तब्ध करती कहानी .................. चिरकाल तक जहन में याद रहेंगे कुछ घटनाक्रम
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    Harshita Srivastava
    24 जुलाई 2017
    shabd nahi hain prashansa krne k lie
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    Madhuri Thapa
    03 दिसम्बर 2018
    ek aurat apne man kitani ichhaye dabaye or chhupaye rakhti he sach me apni ichhaye maar to deri he par sath me khud bhi mar jaati he
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    नीविया शर्मा "Neel"
    08 जुलाई 2016
    योगिता अचंभित और स्तब्ध करती कहानी .................. चिरकाल तक जहन में याद रहेंगे कुछ घटनाक्रम