भरी जवानी में भी तुमतो , बच्चों सी हरकतें करती हो । कभी इठलाती , कभी पास आती , तुम नखरे अजीब दिखाती हो ।। बदन गुलाब सा तेरा खिला है , हरकतें करती बचपन की । अपनी जवानी की बगिया को , ठीक से कहां ...
शिक्षा - M.A (sociology) , osmania university
सारस्वत सम्मान - विद्यावाचस्पति
" भारत गौरव " उपाधि प्राप्त
पांच पुस्तकों के लेखक
मेरा हैदराबाद में ही निवास है ।
ईश्वर ने हमे प्रकृति दी , हमे इस पृथ्वी पर भेजा ।
क्यों नहीं हम , इस प्रकृति सम्मत जीवन का पूर्ण आनद ले ?
शब्दों की अभिव्यक्ति ही , इंसान की पहचान बनाती है ।
सारांश
शिक्षा - M.A (sociology) , osmania university
सारस्वत सम्मान - विद्यावाचस्पति
" भारत गौरव " उपाधि प्राप्त
पांच पुस्तकों के लेखक
मेरा हैदराबाद में ही निवास है ।
ईश्वर ने हमे प्रकृति दी , हमे इस पृथ्वी पर भेजा ।
क्यों नहीं हम , इस प्रकृति सम्मत जीवन का पूर्ण आनद ले ?
शब्दों की अभिव्यक्ति ही , इंसान की पहचान बनाती है ।
रिपोर्ट की समस्या
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