मेरे प्यारे अलबेले मित्रों ! बारम्बार नमन आपको 🙏🙏 सुबह सुबह दीनदयाल भाई ने किया कॉल ...रिसीव करते हीं जारी किए फरमान....आज़ाद भाई ! जे है से कि एक महत्वपूर्ण विषय पर विमर्श करनी है l अतः नहा धोकर ...
जन्म दिवस-16-07-1975।प्राइवेट जॉब।स्वतंत्र लेखन कार्य।आप जैसे प्रबुद्ध जनों,गुरुजनों से स्नेह व आशीर्वाद पाकर जो देखता हूँ, जो महसूस करता हूँ उसे चुटकुले, कविता, कहानी,लेख और नाटक के रूप में शौकिया लिखता हूँ। पठन-पाठन में गहरी रुचि।बस और क्या....? हँसते-मुस्कुराते इस नश्वर शरीर को ढो रहा हूँ।जय श्री कृष्ण।जय जय श्री राधे।🙏🙏
सारांश
जन्म दिवस-16-07-1975।प्राइवेट जॉब।स्वतंत्र लेखन कार्य।आप जैसे प्रबुद्ध जनों,गुरुजनों से स्नेह व आशीर्वाद पाकर जो देखता हूँ, जो महसूस करता हूँ उसे चुटकुले, कविता, कहानी,लेख और नाटक के रूप में शौकिया लिखता हूँ। पठन-पाठन में गहरी रुचि।बस और क्या....? हँसते-मुस्कुराते इस नश्वर शरीर को ढो रहा हूँ।जय श्री कृष्ण।जय जय श्री राधे।🙏🙏
पुजनिया भाभी जी सलाह एक दम जबरदस्त है जब सास बहू माँ नहीं मानती और बहु को सास बेटी नहीं मानती जो झगड़ा होना लाजमी है खासकर या जिसके लड़का लड़की दोनों हैं उसमें कलह ज्यादा देखने को मिलता है जब की सास अपनी बहू का जो रूप देख रही है वही किरदार उसकी बेटी भी निभा रही है लेकिन खेद इसी बात का है किसी माँ बाप को अपने बच्चों में दोष दिखता ही नहीं जिस दिन हर माँ बाप अपने बच्चों की त्रुटि देखने लग जांय उस दिन बृद्धाश्रम का अनुपात घटेगा और यदि हर लड़का अपने माँ बाप को लेकर जागरूक हो उस घर घर के बुजुर्ग बृद्धाश्रम नहीं जायेंगे क्योंकि आजकल सबसे ज्यादा आजादी फुल इंज्वाय लड़को को चाहिए होता है तभी तो वो जोरू गुलाम बन बीबी की हर बात मानते हैं पहले माँ बाप मिले न की बीबी 😄😄😄😄😄🤣🤣🤣🤣🤣🌺🌺
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बहुत गंभीर मुद्दे पर आपने भैया अपनी लेखनी चलाई
एकल परिवार की चाह के चलते
वृद्धाश्रम की संख्या,बहुत बढ़ रही है मेरे भाई
अपने आनंद में अब जो
खलल नहीं चाहते बेटे और उनकी लुगाई
स्वार्थ और लोभ की नदिया में
सभी ने भरपूर डुबकी लगाई
मां बाप की सेवा ,
अब किसी को तनिक भी न सुहाई
ओढ़ना न चाहते कोई भी
अब संस्कारों की सुंदर नर्म रजाई
हम दो हमारे दो की
बात ही अब सबकी
बुद्धि में घुस पाई
हमें भी ये दिन देखने पड़ेंगे,
ये बात कोई न समझ रहा है भाई
बहुत बहुत सारगर्भित, विचारणीय लेख लिखा है आपने भैया 😊🙏🙏🙏
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सच में महोदय बहुत चिंतित विषय पर आपने लेख लिखा है,,,,, हमारे समाज में वृद्धाश्रम की दिन ही दिन बढ़ोतरी होती जा रही है,,, आजकल की पीढ़ी अपने बुजुर्गो की सेवा करने में असमर्थ हैं,,, आपको अपनी भाभी के पदचिन्हों पर चलकर खुशी हुई,,, क्योंकि आपके भाईसाहब ने आपको एक सार्थक प्रश्न पूछ लिया था,,, बेटियां के लिए आवाज उठाती आपकी,,, सुन्दर सार्थक रचना बहुत ही लाजबाव बेहतरीन है 👍👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯🙏🙏
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पुजनिया भाभी जी सलाह एक दम जबरदस्त है जब सास बहू माँ नहीं मानती और बहु को सास बेटी नहीं मानती जो झगड़ा होना लाजमी है खासकर या जिसके लड़का लड़की दोनों हैं उसमें कलह ज्यादा देखने को मिलता है जब की सास अपनी बहू का जो रूप देख रही है वही किरदार उसकी बेटी भी निभा रही है लेकिन खेद इसी बात का है किसी माँ बाप को अपने बच्चों में दोष दिखता ही नहीं जिस दिन हर माँ बाप अपने बच्चों की त्रुटि देखने लग जांय उस दिन बृद्धाश्रम का अनुपात घटेगा और यदि हर लड़का अपने माँ बाप को लेकर जागरूक हो उस घर घर के बुजुर्ग बृद्धाश्रम नहीं जायेंगे क्योंकि आजकल सबसे ज्यादा आजादी फुल इंज्वाय लड़को को चाहिए होता है तभी तो वो जोरू गुलाम बन बीबी की हर बात मानते हैं पहले माँ बाप मिले न की बीबी 😄😄😄😄😄🤣🤣🤣🤣🤣🌺🌺
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सभी ने भरपूर डुबकी लगाई
मां बाप की सेवा ,
अब किसी को तनिक भी न सुहाई
ओढ़ना न चाहते कोई भी
अब संस्कारों की सुंदर नर्म रजाई
हम दो हमारे दो की
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