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'न जाने क्यू'

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' न जाने क्यों'   न जाने क्यों मेरा दिल भी,                                    बड़ा मायूस होता है । चिरागे जश्न के जलते हैं,                                फिर भी यह खुब ...

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लेखक के बारे में
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Dileep Modanwal

आप सभी के मार्गदर्शन एवं उत्साह वर्धन का अभिलाषी

समीक्षा
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    13 मई 2020
    दिलीप भाई काफ़ी अच्छा लगा. वास्तविकता को शब्दों में अच्छा बयां किये हैं .
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    13 मई 2020
    दिलीप भाई काफ़ी अच्छा लगा. वास्तविकता को शब्दों में अच्छा बयां किये हैं .