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ना बोले तुम ना मैने कुछ कहा

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ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा चेहरे से तुम्हारे पर सब पढ लिया खोज मानो एक जन्म की पूरी हो गई कुछ कमी थी जो आज पूरी हो गई इस पल का इंतजार शायद वर्षों से था मुझे बस जिंदगी की कशमकश में वो गुम हो गई ...

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लेखक के बारे में
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प्रमोद सिंह

लिखना बस शौक भर है खुद के विचार समाज के पटल पर रखना अच्छा लगता है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    M G "Smile😊"
    27 जून 2020
    बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति👌👌👌👏👏👏😊😊
  • author
    Ambika Jha
    20 जून 2020
    बहुत सुंदर बेहतरीन रचना 👌👌👌
  • author
    03 जुलाई 2022
    वाह... बहुत खूब👌👌
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    M G "Smile😊"
    27 जून 2020
    बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति👌👌👌👏👏👏😊😊
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    Ambika Jha
    20 जून 2020
    बहुत सुंदर बेहतरीन रचना 👌👌👌
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    03 जुलाई 2022
    वाह... बहुत खूब👌👌