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15 अगस्त पर मेरी कविता

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कोई भी पर्व अब आगे मनाया जाए तो सुध हो न बस इतिहास के पन्नों को दोहराएं यही सुध हो निरन्तर चल रही आँधी विखंडित हो रहा भारत पहल क्या हो कि अब इस देश में तूफान की ज़िद हो, गुलामी से ...

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लेखक के बारे में

जो दिल कहता है, उकेर देता हूँ, दिल कहता रहेगा, उंगलियाँ उकेरती रहेंगी

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    Shraddha Upadhyay
    25 जुलाई 2019
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    25 जुलाई 2019
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